उत्तराखण्ड में स्थित पहाड़, झीलें, झरने व नदियाँ साहसिक पर्यटन के लिये पयटकों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित करते हैं।
स्कीइंग:
औली: चमोली जनपद में समुद्र तट से 2800 मीटर स्थित एक खुबसूरत स्थल है। यह स्कीइंग के लिये पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ 2018 की स्कीइंग चैम्पियनशिप होना तय हुआ है।
दयारा बुग्याल: ऊंचाई पर पाये जाने वाले घास के मैदानों को बुग्याल कहते हैं। यह उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। यह भी स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है।
मुंडाली: मुंडाली देहरादून जनपद के चकराता में स्थित है। यहाँ भी स्कीइंग के लिए सुन्दर ढालें हैं।
ट्रेकिंग :
उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य होने के कारण यहाँ पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग के कई अवसर हैं। यहाँ गौरी घाटी-मुनस्यारी, मिलम ग्लेशियर-रालम ग्लेशियर, गंगोत्री-केदारनाथ, केदारनाथ-वासुकीताल, फूलों की घाटी-हेमकुण्ड ट्रेक जैसे बेसुमार ट्रेकिंग स्थल हैं।
नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉउंटेनियरिंग (NIM): नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉउंटेनियरिंग की स्थापना, पर्वतारोहियों को प्रशिक्षित करने के लिए 14 नवम्बर को 1965 को उत्तरकाशी में की गई।राफ्टिंग:
राफ्टिंग उत्तराखण्ड में सबसे लोकप्रिय साहसिक खेल है। उत्तराखण्ड में बहती नदियाँ बर्फीली ढलानों, घने जंगलों, चट्टानों, पहाड़ों से गुजरकर पर्यटकों को रोमांचक अनुभव की अनुभूति प्रदान करते हैं। अलकनन्दा, धौली गंगा, काली आदि नदियों में कई राफ्टिंग शिविर लगते हैं राफ्टिंग के लिए शिवपुरी से कौडियाला के मध्य के स्थान बहुत प्रसिद्ध हैं।
कैम्पिंग:
उत्तराखण्ड प्रकृति की गोद में बसा है जिससे यह कैम्पिंग के लिए शानदर स्थान है। टोंस घाटी, मसूरी झारिपानी, मालदेवता कैम्पिंग औली, चोपता, नैनीताल, बिनसर, शिवपुरी, उत्तराखण्ड में कैम्पिंग के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान हैं।
माउंटेन बाइकिंग:
हिमालय के सुन्दर दृश्यों और जोखिम भरी ढालों व चट्टानों के बीच बाइकिंग पर्यटयकों को रोमांचित करती है।
रुद्रप्रयाग-अगस्तमुनि-उखीमठ-चोपता-गोपेश्वर मार्ग, श्रीनगर-पौड़ी-खिर्सू-पाबौ-सतपुली-लैंसडाउन-कोटद्वार मार्ग, हरिद्वार-धूलखंड-मोहन-देहरादून मार्ग, नैनीताल-भवाली-रामगढ-मुक्तेश्वर मार्ग, अल्मोड़ा-कोसी-काठपुरीया-शीतलाखेत मार्ग, बाइकिंग के लिए उत्तराखण्ड में स्थित कुछ प्रसिद्ध मार्ग हैं।
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