17 December 2017

Rivers of Uttrakhand (उत्तराखण्ड की नदियॉं)

गंगा नदी तंत्र

 



गंगा, उत्तराखण्ड में ही नहीं अपितु भारत में बहने वाली महत्वपूर्ण नदी है। गंगा को देवप्रयाग तक भागीरथी के नाम से जाना जाता है व देवप्रयाग में अलकनंदा के मिलने से गंगा के नाम से जाना जाता है। भारत में गंगा की लम्बाई 2525 km है। और उत्तराखंड में लगभग 96 km है।

अलकनन्दा उपतंत्र :

अलकनन्दा का उद्गम स्थल संतोपथ ग्लेशियर है। विष्णु प्रयाग तक अलकनंदा को विष्णु गंगा के नाम से जाना जाता है। अलकनंदा के मुख्य सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं।
लक्ष्मण गंगा:
धौली गंगा: (उद्गम स्थल-देववन ग्लेशियर) धौली गंगा व विष्णु गंगा के संगम स्थल  विष्ण प्रयाग है।
नंदाकिनी: ( उद्गम-नंदा घुंघटी) नंदाकिनी व अलकनंदा के संगम स्थल को नन्द प्रयाग है।
पिण्डर: (उद्गम स्थल पिण्डर ग्लेशियर) पिण्डर व अलकनंदा का संगम स्थल कर्ण प्रयाग है।
मन्दाकिनी: (उद्गम स्थल-चोराबाड़ी ग्लेशियर)अलकनन्दा व मन्दाकिनी का संगम स्थल रुद्रप्रयाग है।
विरथी 
नबालिका 

भागीरथी उपतंत्र:

भागीरथी का उद्गम स्थल गौमुख है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 205 km है। भागीरथी की सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं।
मिलुंग गंगा: 
केदार गंगा:
जाड गंगा/ जाह्नवी:
सिया गंगा:
भिलंगना: भिलंगना का उद्गम स्थल खतलिंग ग्लेशियर है। भिलंगना की मुख्य सहायक नदियाँ -धर्म गंगा, दूध गंगा, बाल गंगा है।

नयार उपतंत्र:

पूर्वी व पश्चिमी नयार दूधातोली से उद्गमित होने के बाद अलग- अलग स्थानों से बहकर सतपुली में मिलती हैं। व व्यास घाटी में गंगा में समा जाती हैं।

ऋषिकेश में चंद्रभागा और हरिद्वार में रतमऊ व सोलानी नदी गंगा से मिलती हैं।
गंगा हरिद्वार से उत्तराखंड से बाहर निकल जाती है। 

यमुना नदी उपतंत्र 

यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री ग्लेशियर है। यमुना, गंगा की मुख्य सहायक नदी है। यह गंगा से इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश ) में मिलती है। यमुना की लम्बाई 1376 km व उत्तराखंड में यमुना की लम्बाई लगभग 148 km है यमुना धालीपुर (देहरादून) से उत्तराखण्ड से बाहर निकल जाती है।
यमुना की मुख्या सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं।
हनुमान गंगा:
कृष्ण गाड़:
कमल गाड़:
टोंस नदी: टोंस नदी का उद्गम रूपिन सुपिन ग्लेशियर है व डाक पत्थर में यह यमुना से मिल जाती है। 

काली नदी / शारदा नदी उपतंत्र 

काली नदी का उद्गम स्थल कालापानी (लिपुलेख) है। यह टनकपुर में पूर्णागिरि के पास ब्रह्मदेव मंडी में शारदा के नाम से नेपाल में प्रवेश करती है। काली नदी की सहायक नदियॉं निम्नलिखित है।
सरयू: ये सरमूल से पंचेश्वर तक बहती है। 
पूर्वी धौली गंगा: उद्गम -गोवाना ग्लेशियर 
गौरी गंगा: ये मिलम ग्लेशियर से जौलजीवी तक बहती है।
कुठियांग्टी:
लधिया: ये गजार (पिथौरागढ़ नैनीताल व अल्मोड़ा का मिलन बिंदु) से चूका (चम्पावत) तक बहती है।

अन्य नदियाँ 

पूर्वी रामगंगा: ये पोन्टिंग ग्लेशियर से रामेश्वर तक बहती है।
पश्चिमी राम गंगा:  ये दूधातोली से कालागढ़ तक बहती है।
कोसी: ये धारपनीधार  (बागेश्वर) से उद्गमित होकर सुल्तानपुर (उधमसिंह नगर ) से राज्य से बाहर निकल जाती है।
गोला: पहाड़पानी (नैनीताल) से उद्गमित होकर किच्छा से राज्य से बाहर निकाल जाती है।


नन्धौर: ये देओह से नानकसागर तक बहती है।

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